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सावधान : पेन किलर्स का अत्यधिक इस्तेमाल दिल, दिमाग और किडनी की सेहत के लिए गंभीर खतरा!

नई दिल्ली : अक्सर लोग थोड़े से दर्द या थकान से राहत पाने के लिए पेन किलर्स का सहारा लेते हैं. लेकिन बहुत कम लोग ये जानते हैं पेन किलर्स के अधिक इस्तेमाल के कई तरह के नुकसान भी हैं. खून पतला करने के लिए दवा खाने वाले लोगों पर तो पेन किलर्स का और भी ज्यादा दुष्प्रभाव होता है. हाल ही में एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि जो लोग खून को पतला करने वाली दवाओं का उपयोग करते हैं उनमें इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है यदि वे आईब्रुफेन या नेप्रोक्सन जैसी गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAID) भी लेते हैं. इन दवाओं को आमतौर पर दर्द निवारक के रूप में जाना जाता है.

ये अध्ययन यूरोपीय हार्ट जर्नल में प्रकाशित हुआ था. शोधकर्ताओं के अनुसार आमतौर पर स्ट्रोक, दिल के दौरे या पैरों या फेफड़ों में रक्त के थक्कों के इलाज या रोकथाम के लिए रक्त को पतला करने वाली दवाएं दी जाती हैं. दूसरी ओर, NSAIDs भी रक्त को पतला करने के लिए जाने जाते हैं.

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नए अध्ययन से पता चलता है कि NSAIDs रक्त को पतला करने वाली दवाओं के साथ लेने पर आंत, मस्तिष्क, फेफड़े और मूत्राशय में अनियंत्रित रक्तस्राव के जोखिम को बढ़ा सकते हैं.

इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 2012 से 2022 के बीच रक्त के थक्के के इलाज के लिए डेनमार्क के लगभग 52,000 मरीजों के डेटा का विश्लेषण किया. डेनमार्क में, NSAIDs डाइक्लोफेनाक और नेप्रोक्सन केवल डॉक्टर के पर्चे के जरिए ही प्राप्त किए जा सकते हैं. इससे शोधकर्ताओं को उन रोगियों के स्वास्थ्य पर नज़र रखने में मदद मिली, जिन्हें रक्त पतला करने वाली दवा और NSAID दोनों दी गई थी.

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शोधकर्ताओं ने पाया कि केवल रक्त पतला करने वाली दवा लेने की तुलना में रक्त पतला करने वाली दवा और NSAID लेने पर इंटरनल ब्लीडिंग का जोखिम दो गुना अधिक हो गया. इसमें पाया गया कि नेप्रोक्सन के लिए जोखिम चार गुना अधिक हुआ, डाइक्लोफेनाक के लिए तीन गुना अधिक और आईब्रुफेन के लिए लगभग दोगुना अधिक हो गया.

बता दें कि कई शोध में साफ हो चुका है कि पेन किलर्स का अत्यधिक इस्तेमाल दिल, दिमाग और किडनी की सेहत के लिए भी नुकसानदायक है.

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