अभी-अभीक्राईमब्रेकिंग

मणिपुर में मैतेई परिवार की नृशंस हत्या का मामला : पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य

नई दिल्ली : मणिपुर के जिरीबाम जिले में नदी में आंशिक रूप से सड़ी-गली लाश मिली थी. एल चिंगखेंगंबा सिंह (3) की एक आखिरी तस्वीर में वह छोटे भाई, मां समेत परिवार के पांच अन्य सदस्यों के साथ जंगल में एक साथ बैठा हुआ दिखाई दे रहा है. गुलाबी रंग की टी-शर्ट पहने चिंगखेंगंबा सिंह ने कुछ देखने के लिए अपना सिर घुमाया था. उनकी मां और आठ महीने का भाई उनसे एक कदम की दूरी पर बैठे थे. जमीन पर सूखे बांस के पत्तों पर एक खिलौना रखा हुआ था.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि मैतेई समुदाय के तीन वर्षीय लड़के के सिर में गोली लगने का घाव मिला. छाती में चाकू के घाव और फ्रैक्चर थे और बांह और शरीर के अन्य हिस्सों में घाव थे. उसकी दाहिनी आंख गायब मिली.

इसे भी पढ़ें :-खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने झाझाडीह से नवागढ़ तक सड़क निर्माण कार्य का किया शुभारंभ

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि उसकी मां, एल हेतोनबी देवी (25) को सीने में तीन और नितंब में एक गोली लगी थी. उसकी दादी वाई रानी देवी (60) को पांच गोलियों के घाव मिले. एक गोली खोपड़ी में, दो छाती में, एक पेट में और एक हाथ में मारी गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि दोनों महिलाओं के शरीर के कई हिस्सों पर गहरे घाव थे.

चिंगखेंगंबा सिंह के तीन अन्य परिजनों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जिरीबाम पुलिस के पास है. इनमें आठ महीने का शिशु लांगंबा सिंह, चिंगखेंगंबा की मां की बहन टी थोइबी देवी (31) और उनकी आठ साल की बेटी टी थजमानबी देवी है.

इसे भी पढ़ें :-यूपी : संभल में मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसा : तीन लोगों की मौत…30 से अधिक पुलिस कर्मी घायल

चिंगखेंगंबा सिंह के पिता लैशराम हीरोजीत ने आज मिडिया को बताया कि उन्होंने पुलिस से बाकी तीन पोस्टमार्टम रिपोर्ट मांगी हैं, क्योंकि परिवार को कानून के तहत उन्हें प्राप्त करने का अधिकार है. हीरोजीत ने कहा कि वह पुलिस के जवाब का इंतजार कर रहे हैं.

जिरीबाम पुलिस स्टेशन को कॉल करने पर कोई जवाब नहीं मिला.

हत्याओं के मामले में न्याय की मांग करने के लिए गठित एक संयुक्त कार्रवाई समिति ने कहा कि पुलिस ने उससे कहा है कि यदि उन्हें बाकी तीन शवों की पोस्ट मार्टम रिपोर्ट चाहिए तो वे न्यायालय का आदेश लेकर आएं.

मणिपुर सरकार ने कहा है कि मैतेई समुदाय के छह सदस्यों का अपहरण और हत्या “कुकी उग्रवादियों” द्वारा की गई थी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस मामले की जांच कर रही है.

इसे भी पढ़ें :-मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने काशी स्पाइन हॉस्पिटल का किया लोकार्पण

मई 2023 में मैतेई समुदाय और कुकी जनजातियों के बीच हुए जातीय संघर्ष में अपने घर खोने के बाद सभी छह लोग जिरीबाम के बोरोबेकरा में एक राहत शिविर में रह रहे थे.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि असम से सटी अंतरराज्यीय सीमा के पास बोरोबेकरा में 11 नवंबर को कम से कम दो दर्जन कुकी उग्रवादियों ने पुलिस स्टेशन पर हमला किया था. उन्होंने मैतेई समुदाय के दो वरिष्ठ नागरिकों की हत्या कर दी थी. सूत्रों ने बताया कि उग्रवादियों के एक अन्य समूह ने छह नागरिकों का अपहरण कर लिया था.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button